आगरा। हर किसी की त्वचा और बालों की बनावट अलग होती है। बनावट के साथ-साथ इनकी समस्याएं भी अलग होती हैं। सर्दियों में त्वचा और बालों की देखभाल भी जरूरी होती है। इस मौसम में त्वचा का रूखापन और बालों का झडना भी आम है। लेकिन क्योंकि हर किसी के सामने अलग समस्या होती है, इसलिए जरूरी नहीं कि एक ही उपाय सब जगह काम करे। इसलिए आपको जरूरत होती है एक्सपर्ट की। काॅस्मेटोलाॅजिस्ट और डर्मेटोलाॅजिस्ट आपकी इन समस्याओं को समझते हैं और आपकी त्वचा और बालों की समस्या के हिसाब से इलाज तय करते हैं। यह कहना है मुंबई कीं सीनियर काॅस्मेटोलाॅजिस्ट नीलम गुलाटी, डर्मेटोलाॅजिस्ट डा. इशिता राका और डा. फाल्किया समर का।
रेनबो वैलनेस क्लीनिक की ओर से अस्पताल परिसर में काॅस्मेटिक एंड डर्मेटोलाॅजी कार्यशाला आयोजित की गई। बाॅलीवुड फेम नीलम गुलाटी ने बताया कि उम्र के कारण चेहरे पर आ रहे बदलावों के लिए कई बार उपचार की जरूरत पड़ती है। वैम्पायर फेसलिफ्ट, जिसे प्लेटलेट रिच प्लाज्म (पीआरपी) थैरेपी भी कहते हैं। यह एक कुदरती तरीका है, जिसमें तकनीक की मदद ली जाती है। इसमें शरीर से ही खून लेकर फिर एक सेंट्रीफ्यूगल में डालकर खून से ग्रोथ फैक्टर्स और प्लाज्मा को अलग किया जाता है और उसे दोबारा मरीज के चेहरे में डाला जाता है। यह प्रक्रिया 20 मिनट में पूरी हो जात है। ऐसे ही बोटाॅक्स, जिसमें इंजेक्शन से मांसपेशियों को ढीला किया जाता है। यह ट्रीटमेंट चार से छह माह में लेना पड़ता है। वहीं रेसवेरेट्राॅल, रेटीनाॅल, हाइलुराॅनिक एसिड युक्त क्रीम का प्रयोग कर त्वचा पर पड़ी लकीरों को दूर किया जा सकता है। ठीक इसी तरह यह तकनीक बालों पर भी इस्तेमाल की जाती है, जिससे बालों का टूटना, झड़ना रूक जाता है और उनकी ग्रोथ बढ़ने लगती है। डर्मेटोलाॅजिस्ट डा. इशिता राका ने बताया कि आगरा में अभी लोग त्वचा या बालों से जुड़ी समस्या को रोग मानते ही नहीं हैं। उन्हें लगता है कि यह एक ऐसी समस्या है जिसे किसी सलून पर जाकर सही किया जा सकता है। लेकिन ऐसा नहीं है। हमारे शरीर के दूसरे अंगों की तरह ही त्वचा और बालों को भी एक विशेष प्रकार की देखभाल चाहिए होती है। जैसे बीमार पड़ने पर हम डाॅक्टर के पास जाते हैं उसी तरह त्वचा या बालों की समस्या के लिए हमें एक अच्छे और अनुभवी काॅस्मेटोलाॅजिस्ट या डर्मेटोलाॅजिस्ट के पास जाना चाहिए। डा. फाल्किया समर ने बताया कि हम किसी की भी सलाह मान लेते हैं और कोई भी प्रोडक्ट अपनी त्वचा या बालों पर इस्तेमाल कर लेते हैं। यह हमें और भी गंभीर समस्या में डाल सकता है। हर किसी की त्वचा और बाल अलग होते हैं।
अस्पताल कीं प्रमुख डा. जयदीप मल्होत्रा और निदेशक डा. नरेंद्र मल्होत्रा ने बताया कि रेनबो हाॅस्पिटल में रेनबो वैलनेस, काॅस्मेटिक एंड डर्मेटोलाॅजी हाल ही में शुरू किया गया है और बहुत ही कम समय में युवाओं के बीच यह लोकप्रिय हो रहा है। रेनबो आईवीएफ कीं डा. निहारिका मल्होत्रा ने भी काॅस्मेटोलाॅजी और डर्मेटोलाॅजी के महत्व पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर डा. केशव मल्होत्रा, सुनील गुलाटी, डा. वंदना कालरा, डा. मनप्रीत शर्मा, डा. शैमी बंसल, डा. पंकज भाटिया, डा. नीरजा सचदेव, डा. शैली गुप्ता, डा. विश्वदीपक, सोनल भार्गव आदि मौजूद थे।